Posted by NOKARI MAHITI on Saturday, 29 October 2016
बायोइनफारमेटिक्स
कैरियर
बनान केलिए बायोइफारटिक्स बिलकूल नया क्षेत्र है. पिछले कुछ सालों में मालेकयूजर बायोलाजी के क्षेत्र में प्रगति और शाघ केलिए उन्नत उपकरणें की उपलब्घा ने इस क्षेत्र में नई संभवनाओं को जन्मदिया है. दूसरी और साइबर क्रति ने श्रान के लगभग सभी ज्ञान क्षेत्रों में सूचनाओं की बाढ सी ला दी है. ऐसे में जीविज्ञान भी सूचनाओं की बाढ से अछूता नहीं रहा.
जीविज्ञान के क्षेत्र में सूचनाओर के अनुप्रयोग न ही बायोइनफारमेटिकस को जन्मदिया और बहुर्चित हयूमन जीनोम प्रोजेक्ट ने तो इस क्षेऋ के विस्तार की संभाबना को बेहर प्रबल बना दिया है. नतीजतन देशविदेश् की बायोटेक कपनियो और शोध संस्थानो ने ऐसे लागों की मांग बडे पैमाने पर शुरू कर दी है. जिन्हें दोनो क्षेत्रों ( बायोलाजी और इनफारटिकस टेक्नोलोजी) का ज्ञान हो.
जैविकविश्रान के क्षैत्र में हुई प्रगति और तकनीकि उपल ब्धि यों कारण वि भन्न प्रतिजातो के जीनोक्स के बहूत बडे भाग की त्वरीत साथसाथ यूकैटमोटस उदारणारार्थ मनुष्या के 24 क्रोमोसोम कि सिक्सिंग के लिए हयुमन जीनोम पोजेक्ट नाम वृध्द योजना को साकार रुप देने कि कोशीश वैज्ञनिको व्दारा कि जा रहि है पोजेक्ट के लिए रुप देने कि कोशीश वैज्ञनिको व्दारा कि जा रही है असंख्य सुचनाओ के संकलन संगठण और क्रमानुसार व्यव्स्था कि जरुरत बडे स्तर पर होगी नया
क्षेत्र होने के कारण इस मे प्रशिक्षीत लोगों कि मांग भी दिनोदिन बढेगी
मुख्य कार्य
जैव प्रौदयोगिकि के इस विशिष्ट क्षेत्र का
मुख्य कार्य जैवीक सुचनाओं के डाटाबेस कि डिजाइनिंग और ऐसे इंटरफ ेस के विकास का
भी है जहा से शोध कर्ता को पाने के साथसाथ नई सुचनाओं को जोड
भी पाएंगे जोन सिक्वेस के इस विश्लेषण कार्य के आलवा दुसरे क्षेत्र जैसे विविधता व
न्युरोइनफारमेटिक्स मे भी इस की महत्ता है इस के आलवा उपयुक्त माध्यमो से एकतित
डाटा का इस्तेमाल जहां नई दवाआ के निर्माण मे बेहद सहायक सिध्द होगा वही कई
अर्थो मे क्रतिकारी भी होगा
कार्य क्षेत्र
चुकि बायोइनफारमेटिक्स एक नया क्षेत है
इसलिए जो भी व्यक्ती इस क्षेत्र मे कार्य कर रही है वे मुलत जीवविज्ञान अथवा
कंप्युटिंग के क्षेत्र मे प्रशिक्षित थे दुसरे क्षेतो से बायोइनफारमेटिक् के क्षेत मे आना मुख्यातया इस बात पर निर्भर
करता है कि आप करने जा रहे है उस कि प्रकृती कैसी है जैसे आप अगर नए साफटवेयर और
डाटाबेस डिजाइन करने के इच्छुक है तो जाहिर है कि कंप्युटिंग मे द मे
दक्षता जरुरी है.
इस के आलवा आप से यह
भी आपेक्षा कि जाती है कि जीव विज्ञानियो के साथ संपर्क कायम करने मे सक्षम हो और
उन कि जरुरतों के मुताबिक टुल्स आदि का चयन और निर्माण कर
सके.
कुछ व्यक्ति चाहे तो डाटाबेस और इनफारमेशन के
रखरखाव के कार्य से भी जुड सकते है अन्य स्तरो पर आप जीव विज्ञान के क्षेत्र मे
साफवेअर के अनुप्रयोग के अंतर्गत आने वाले कार्यो जैसे सिक्वेंस विश्लेषण प्रोटीन
संरचना का अनुमान लगाना संभवित औषधि प्रयोग के लक्ष्य निर्धारण को भी कार्य
क्षेत्र बना सकते है.
यहां मुख्य रुप से
जीवविज्ञान कि जानकारी ज्यादा अपेक्षित
होगी लेकीन फिर भी कंप्युटर ज्ञान इतना तो होना चाहिए कि आप प्रोग्रामर के साथ
सहयोगपुर्वक कार्य कर सके और जरुरत हो तो यह सुझाव भी दे सके कि पेज पर सुचनाओ के
प्रदर्शनाओं के प्रदर्शन कि व्यवस्था अमुक ढंग से
व्यक्तिगत गुण
बायोइनफारमेटिक्स के क्षेत्र मे कार्य के लिए शैक्षणिक विशेषज्ञता के अलावा
एक आनिवार्य योगयता यह भी है कि आप मे छोटी छोटी सी जानकारी के प्रति भी सजगता और
विश्लेषण कि प्रवृत हो.
रचनात्मक का गुण भी
काफी महत्व रखता है इस गुण कि वजह से आप विभिन्न सुचनाओं को एकत व संयोजित कर कई
समस्याओ के हाल के लिए नए विचार व विधि का विकास कर पाते है जो इस क्षेत्र मे
तरक्क् के लिए बेहद आवश्यक है.
चुकि आप कई के
वैज्ञानिके लिय के साथ काम करेंगे आत आप से यह भी अपेक्षा कि जाती है आप संवाद कला मे निपुण हो.
शैक्षणिक योग्यता ..
सामान्यतया बायोइनफारमेटिक्स के क्षेत्र जो लोग आते है वे
मुलत जैविक विज्ञान प्रशिक्षित या कंप्युटर साइस मे दक्षता लिए होते है लेकिन जो
व्यक्ती उपयुक्त दोनो क्षेतो मे रुचि रखते
है उन के लिए यह क्षेत्र
ज्यादा उपयुक्त है.
सामन्यतया एम
एससी